"तस्वीर"

 "तस्वीर"

"मैं कुछ बिल और पुराने काग्जातों को खोज रहा था,जो कभी बिलनुमा हुआ करते थे,खोजते-खोजते मेरी नज़र मेरे बटुये की तरफ़ गई,तो वो सारे काग्जात वहीं मौजूद थे,जिन्हें मैं खोज रहा था वो सब काग्जात तो मिल चुके थे,पर साथ में मिली कुछ मुड़ी,कटी,फटी कुछ धुंधली सी यादें जो एक तस्वीर थी,जिसमें मैं और मेरा पुराना वक्त एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहा था"

 #Mukesh Namdev

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