"सड़क"

 "सड़क"

"आज भी वो सड़क तुम्हारे और तुम्हारे घर का पता बताती है,

मगर अब दरवाजे और खिड़कीयां बंद नज़र आती हैं,

मैं जब कभी उस सड़क पर जाता हूँ तो घण्टों खड़ा रहता हूँ,  

और इंतजार करता हूँ,तुम्हारे दरवाजे और खिड़कीयां खुलने का

और कोशिश करता हूँ,तुम्हारे वजूद को ढूढने की 

मगर खिड़की से तुम्हारी एक तस्वीर नज़र आती है 

तुम्हारे हमसफर के साथ"

                #Mukesh Namdev

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