"एक रोज" "एक रोज जब वो मुझसे मिलने आयेगा,क्या कहेगा वो मुझसे, क्या वफा की कसमें फिर से खायेगा,क्या गुजरे हुये पलों को फिर से लौटा पायेगा,और जो एक रोज हो जायेगा अकेला इस भीड़ में, क्या वो मुझ को उस भीड़ में ढूँढ पायेगा" #Mukesh Namdev
"नाम" "सुना है,आज उसको देखने वाले आये हैं,और जो देखने आया है,उसका नाम भी मेरे नाम पर है,क्या इत्तेफाक है ना,जिस नाम से वो जिन्दगी भर का छुटकारा चाहते है,आज उसी के नाम का सिन्दूर लगाने को तैयार है" #Mukesh Namdev
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